Tuesday, 18 February 2020

Key

   KEY   
मानव जीवन में परिश्रम बहुत आवश्यक है। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। परिश्रम द्वारा छोटे से छोटा मनुष्य बड़ा बन सकता है। परिश्रम के द्वारा सभी कार्य सम्भव हैं। यदि मनुष्य कोई भी काम कठोर परिश्रम एवं दृढ़ संकल्प लेकर करता है तो वह उस काम में सफलता अवश्य पाता है।जीवन के प्राचीन युग से लेकर आधुनिक युग तक ग्राम-नगरों का विकास, अनेक उपकरणों एवं मशीनों का शिल्प लेकर वायुयान तक का निर्माण परिश्रम द्वारा ही सम्भव हुआ है। संसार में मानव अधिक परिश्रम कर अपनी तकदीर बदल सकता है।विभिन्न अर्थशास्त्रिष्यों एवं इतिहासकारों द्वारा परिश्रम को ही जीवन का सार माना गया है। संसार की किसी भी वस्तु का निर्माण परिश्रम बिना सम्भव नहीं है। परिश्रमी व्यक्ति को दूसरों पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होती, वह अपना कार्य स्वंय कर लेते हैं।आज मानव ने परिश्रम के द्वारा संसार में स्वर्ग उतारने की कल्पना को साकार कर दिया हैंकठोर परिश्रम करके ही मानव ने अनेक आविष्कार किये हैं जो मानव जीवन में बहुत उपयोगी हैं। मनुष्य के मनोरंजन ने दूरदर्शन, सिनेमा, मोबाइल, कम्प्यूटर एवं अनेक प्रकार के मनोरंजन के साधनों का आविष्कार किया है। ये सब केवल परिश्रम द्वारा ही सम्भव हो सकता है। यदि मानव परिश्रम नहीं करेगा तो वह सरल से सरल काम को भी कठिनाई से पूर्ण करेगा। परिश्रमी मनुष्य कभी भी भूखा नहीं रह सकता। परिश्रमी व्यक्ति के लिए सफलता उसकी दासी के रूप में होती है।
K. KNOW = जानना
ज्ञान और अज्ञान में इतना ही भेद है कि बीच में एक भ्रम का परदा लगा हुआ है। जहां परदा खुल गया, अज्ञान समाप्त हो गया, ज्ञान की ज्योति जग गई, मनुष्य जो अपने आपको भूला हुआ था, होश में गया कि मैं कौन हूं? मेरा लक्ष्य क्या है? मैं क्या करने आया था और क्या करने लगा? मैं क्या लेकर आया था और मुझे क्या लेकर जाना हैइस प्रकार अज्ञान रूपी अंधकार में फंसा हुआ जीव प्रकाश होते ही सत्य को देखने लगता है। यह बात अत्यंत विचारणीय है कि- हे मनुष्य, तू हंस स्वरूप हैं। जब तक तू कर्तापन के भ्रम में फंसा हुआ है कि तू नर है या नारी, बूढ़ा है या जवान है, पूजा-पाठ, क्रिया-कर्म, गीता-भागवत, रामायण, वेद शास्त्र, उपन्यास जितना मर्जी पढ़ लो लेकिन ज्ञान के बिना सब अधूरा है क्योंकि ज्ञान में ही सब लय है। अगर ज्ञान नहीं है तो सब कुछ अधूरा-सा ही लगेगा। इसलिए हे मनुष्य! तू चेतन है, पहले अपने होश में तू जा। 'कहां से तू आया कहां लपटायो?' ' निर्गुण से हंस आयो, सर्गुण में समायो, काया गढ़ की बंधी माया में समाया।' सर्गुण माने यह स्वर जो चल रहा है। निर्गुण से आकर यह स्वर में प्रवेश किया। बहुत से लोग सर्गुण इस शरीर को मानते हैं या वह जो मूर्ति प्रतिमा दिखाई देते हैं उन्हें सर्गुण मानते हैं, पर वह सर्गुण नहीं है। जो यह स्वर चल रहा है और इसका गुणों में प्रवेश है, उसे सर्गुण कहते हैं। सर्गुण में समायो और कायागढ़ की बंधी माया में आकर डेरा डाला, मकान जो बना था उसमें डेरा डाला और जो काया से माया तक का विस्तार हुआ था इसमें तू लपटा गया तो सब कुछ भूल गया, होश नहीं रहा, फिर कोई संत मिले और चेतावनी दी कि- हे मनुष्य! तू कहां भरमा था, देख तू कौन हैपांच तत्व में तू कोई तत्व ही नहीं, पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश में तू कुछ भी नहीं। तू रजो गुण है, सतो गुण और तमो गुण है। फिर तू क्या है? 'चेतन जीव आधार है, सोहंग आप ही आप।'
E. EASY = आसान
जी हां, मुश्किल काम या हालात को आसान और अनुकूल बनाना तभी संभव है जब व्यवहार, विचार और स्वभाव में कुछ जरूरी बदलाव लाए जाएं। इंसान स्वभाविक रूप से सुख, सुविधा और अच्छा व्यवहार चाहता है और बुरे समय या बातों से बचना पसंद करता है। किंतु अनेक बार दूसरों के लिए इन बातों के विपरीत व्यवहार कर गुजरता है। दरअसल, साधारण व्यक्ति के  लिए धर्म पर बात करना तो सरल है, लेकिन धर्म को जीवन में उतारना या व्यवहार में अपनाना उतना ही मुश्किल। धर्मशास्त्रों में बताए कुछ अहम सूत्र हर व्यक्ति को धर्म से जोड़कर व्यावहारिक जीवन को भी सुखी और शांत बनाते हैं। जानते हैं क्या कहते हैं ये सूत्र? लिखा गया है कि - व्यावहारिक मतलब यही है कि जो व्यक्ति अपनी खुशियों और कामयाबी के साथ दूसरों से भी प्रेम, सहयोग और सम्मान चाहता है तो पहले वह स्वयं अपने बोल, व्यवहार व सोच में सुधार लाए। वह कटु बोल, दूसरों के अपमान या उपेक्षा, ईष्र्या जैसे बुरे भावों को छोड़ दे। इन बदलावों से दूसरों का भरपूर प्रेम, सम्मान, मदद और भरोसा मिलेगा। 
                            Y. YOUR DECISION = आपका र्निणय
आपका निर्णय कितना अच्छा है? निर्णय लेना कार्यस्थल में एक महत्वपूर्ण कौशल है, और विशेष रूप से महत्वपूर्ण है यदि आप एक प्रभावी नेता बनना चाहते हैं। चाहे आप यह तय कर रहे हों कि किस व्यक्ति को किराए पर लिया जाए, किस सप्लायर को इस्तेमाल किया जाए, या कौन सी रणनीति अपनाई जाए, उपलब्ध जानकारी के साथ एक अच्छा निर्णय लेने की क्षमता महत्वपूर्ण है। यह आसान होगा यदि आप किसी भी स्थिति में एक सूत्र का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। प्रत्येक निर्णय अपनी चुनौतियों को प्रस्तुत करता है, और हम सभी के पास समस्याओं को हल करने के विभिन्न तरीके हैं। तो, आप बुरे निर्णय लेने से कैसे बचें - या मौका देने के लिए फैसले छोड़ दें? निर्णय लेने के लिए आपको एक व्यवस्थित दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, ताकि आपको किस प्रकार का निर्णय लेना पड़े, आप इसे विश्वास के साथ ले सकते हैं  कोई भी गरीब निर्णय लेने का जोखिम नहीं उठा सकता है। इसलिए हमने आपके वर्तमान निर्णय लेने के कौशल का आकलन करने में आपकी मदद के लिए एक संक्षिप्त प्रश्नोत्तरी विकसित की है। हम इस बात की जाँच करेंगे कि आप अपनी निर्णय लेने की प्रक्रिया को कितनी अच्छी तरह से तैयार करते हैं, और फिर हम आपको उन विशिष्ट उपकरणों और संसाधनों की ओर संकेत करेंगे जिनका उपयोग आप इस महत्वपूर्ण योग्यता को विकसित करने और सुधारने के लिए कर सकते हैं