Thursday, 7 February 2019

BEGIN- शुरूआत

BEGIN- शुरूआत

B- BELIVE YOUR SELF - आत्मविश्वास
E- EAGER TO LEARN    - सिखने की चाहत
G- GOAL                         - लक्ष्य
I- IN FRONT OF            -  सामने आना 
N- NEGATIVE JACE     -  ना को हाॅ में बदलना

BEGIN- शुरूआत

जब हम किसी भी कार्य की शुरूआत करते हैं तो हमें बहुत सी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। अगर हम अपने कार्य के शुरूआत में ही हार जाते हैं तो हम असफल हो जाते हैं। वहीं उसी कार्य को जो व्यक्ति पूरे आत्मविश्वास और दृढ़ता के साथ करता है तो उसका सफलता प्राप्त करना भी सुनिश्चित हो जाता है।
B- BELIVE YOUR SELF - आत्मविश्वास
आत्मविश्वास इसांन के अन्दर एक ऐसी शक्ति होती है जो की अगर सकारात्मक हो तो वह इन्सान को बुलन्दियों तक पहुॅचा देता है। वहीं अगर नकारात्मक हो तो असफलता की तरफ ढ़केल देता है। आत्मविश्वास इन्सान के आत्मज्ञान और दृड़ संकल्प से ही सकारात्मक होता है।
E- EAGER TO LEARN - सिखने की चाहत
किसी भी व्यक्ति की तरक्की तभी तक होती रहती है जब तक वह अपने अन्दर सिखने की चाहत रखता है। जिस समय भी आप के अन्दर सिखने की चाहत खत्म हो जाती है उसी समय आपकी तरक्की रूक जाती हैजैसा की कहा जाता है की मनुष्य मरते दम तक सिखता है तो अपने अन्दर सिखने की चाहत कभी खत्म नहीं करनी चाहिए।
G- GOAL - लक्ष्य 
हम कहीं भी कोई भी कार्य करते हैं तो सबसे पहले हमें एक लक्ष्य बनाना चाहिए क्योंकी बिना किसी लक्ष्य के हमारी मेहनत व्यर्थ हो जाती है। जैसा की एक आदमी पानी के लिए कुऑ खोदना शुरू करता है परन्तु कोई लक्ष्य ना होने के कारण वह थोड़ा - 2 कई जगह खोदता है जिस कारण वह थक जाता है परन्तु पानी नहीं मिलता है। वहीं अगर वह लक्ष्य बना कर एक ही जगह पर खोदाई करता तो उसे पानी अवश्य मिलता।
I- IN FRONT OF -  सामने आना 
जब हमारा व्यक्तित्व हमारे आस पास रहने वाले लोगों से अलग होता है तो हम उनसे अलग दिखते हैं जब हम अपनी मानसिकता भेड़ों की तरह बनाते हैं तो हम क्षुण्ड में रहना पसन्द करते हैं और भीड़ में खो जाते हैं। लेकिन अगर शेर की मानसिकता रखते हैं तो हम भीड़ से अलग भीड़ के सामने होते हैं। तब हमारा व्यक्तित्व ही अलग दिखता है और हम अपने कार्य क्षेत्र में सफल हो जाते हैं।
N- NEGATIVE JACE -  ना को हाॅ में बदलना 
जब कोई भी कार्य करते हैं तो उसके नकारात्मक पहलु बताने वाले बहुत लोग मिलते हैं अगर हम उनकी बातों में आ जाते हैं तो हमारे अन्दर नकारात्मक सोच आ जाती है और हम अपने जिवन में असफल हो जाते हैं। वहीं अगर हम उनकी नकारात्मक सोच को नाकारा करके अपने अन्दर सकारात्मक सोच को लाते हैं तो हम अपने जिवन में सफल हो जाते हैं।

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